मैं इंतज़ार करूँगा....
मैं इंतज़ार करूँगा.... मैं इंतज़ार करूँगा उस वक़्त का, जब तू मेरा हाथ थामने को रजामंद होगी, मैं इंतज़ार करूँगा उस वक़्त का, जब तू हमेशा के लिये मेरे साथ होगी.. ऐसे वक्त का भी इंतज़ार करूँगा, जब तू रूठे मुझसे और फिर मैं मनाऊँ तुझे, तेरी एक - एक हंसी के लिये, अपनी बेजान सी सांसे बिछा दूँगा मैं.... यूँ तो मैं चाय का ज्यादा शौकीन नही, पर फिर भी इंतज़ार करूँगा मैं उस वक़्त का, जब हर सुबह चाय की चुस्कियाँ तेरे साथ लूंगा, इंतज़ार करूँगा उस वक़्त का, जब तेरी ख्वाइशों को , तेरी जरूरतों को, और तेरी हर एक फरमाइश को, अपना सपना समझ के मैं पूरा करने लगूँगा.... इतना बड़ा तो नही मैं , की चाँद तारे तोड़ लाने की बातें करूँ, पर तेरी हर एक ख्वाईश पूरी करने के लिए, अपना एक एक पहर बीता दूँगा.... *स्वरचित* Image source - Google *शुभम डबराल*